कृषि विभाग, राजस्थान सरकार ने 18 अप्रैल 2019 तक खरीफ की बीजाई के आंकड़े जारी कर दिए है l प्राप्त आंकड़ो के अनुसार ग्वार की बीजाई 8,65,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पूरी हो गई है जो की ग्वार की बीजाई के लक्ष्य का 27.9 % है l पिछले वर्ष इसी समय तक ग्वार की बीजाई 14,55,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पूरी हो गयी थी l पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष ग्वार की बीजाई में 40% की गिरावट दर्ज की गयी है l राजस्थान ग्वार का मुख्य उत्पाक राज्य है l अगर ग्वार की बीजाई का क्षेत्रफल राजस्थान में गिरता है तो इस वर्ष ग्वार के उत्पादन अवश्य कमी होगी l इस वर्ष राजस्थान में कृषि विभाग ने ग्वार की बीजाई का लक्ष्य रखा 31,00,000 हेक्टेयर रखा है l
ग्वार उत्पादन क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा अभी सुखा ही है l कुछ हिस्सों को छोड़ दे तो ज्यादातर क्षेत्र में बारिश की कमी है l ग्वार की नयी बीजाई के लिए अभी जमीन में पूरी नमी नहीं है l पहले से लगी हुयी ग्वार की फसल नमी की कमी के कारण सुख रही है l अन्तराष्ट्रीय मौषम एजेंसीयों ने मार्च अप्रैल के महीने में ही अलनीनो के प्रभाव के कारण कम बारीश का पूर्वानुमान जारी कर दिया था l लेकिन मई-जून महीने के आखिर में स्थानीय मौषम एजेंसीयों ने सामान्य मानसून रहने की घोषणा करदी थी l बारिश की स्थिति पुरे भारत में ख़राब है l इस वर्ष वर्षा आधारित फसलों के बीजाई क्षेत्र में कमी दर्ज की गयी है l
भारतीय कैलंडर विक्रिमी सम्वंत के अनुसार श्रावण के महीने की शुरूवात पिछले सप्ताह में हुई है l श्रावण व भाद्रपद महीने भारतीय कैलंडर में बारिश के महीने के रूप में जाने जाते है l आशा है की इन दो महिने में बारिश की स्थिति में सुधार होगा l सिंचित क्षेत्रो में बीजाई कुए के पानी या सिंचाई के दुसरे साधन से की जा सकती है l लेकिन बरानी क्षेत्र में बीजाई व बाद की बढवार के लिए उचित बारिश होना बहुत जरुरी है l
ग्वार की मांग तेल की खुदाई की रिग की संख्या में गिरावट के कारण कम हो सकती है l तेल की खुदाई की सक्रिय रिग काउंट के बैकर-हूज केआंकड़ों के अनुसार अभी अमेरिका में 954 तेल की रिग सक्रिय है जो की पिछले वर्ष के मुकाबले 92 कम है l तेल का स्टॉक अमेरिका में अभी बढ़ गया है l इंग्लैंड व इरान के द्वारा एक दुसरे एक व्यापारिक जहाज को पकड़ने के कारण पश्चिमी देशों व इरान में गतिरोद्ध बढ़ गया हैl अगर ये गतिरोध फैलता है तो ये युद्ध में बदल सकता है l जिससे की तेल की कीमतों में तेज़ी आ सकती है तथा अन्तराष्ट्रीय बाज़ार में ग्वार गम की मांग में वृद्धि हो सकती है l युद्ध की स्थिति में कच्चे तेल के परिवहन व आवक में कठिनाई आ सकती है l
पिछले सप्ताह ग्वार गम की कमजोर निर्यात मांग व सुस्त व्यापार के कारण ग्वार की कीमतों में कमी देखी गयी l यद्धपि ग्वार का निर्यात बढ़ रह है लेकिन बाज़ार, ग्वार को कच्चे तेल से जोड़ कर देख रहा है l तेल की कीमतें वैश्विक राजनीति में उलझ गयी है इसलिए बाज़ार के जानकर ग्वार गम के भविष्य को उलझा हुआ ही मान कर चल रहे है l ग्वार की मांग तेल उत्पादन के अलावा अन्य उद्योगों से भी बढ़ रही है जिससे भविष्य में ग्वार गम की मांग में लगातार बढ़ोतरी होती रहेगी l
इस सप्ताह NCDEX पर ग्वार के भाव 20 अगस्त के सौदे के लिए 4302 रूपए प्रति क्विंटल, BSE पर 31th जुलाई के सौदे के लिए ग्वार के भाव 4304 रूपए प्रति क्विंटल, NCDEX पर स्पॉट के भाव 4350 रूपए प्रति क्विटल l इसी तरह NCDEX पर ग्वार गम के भाव 19th जुलाई के सौदे के लिए 8682 रूपए प्रति क्विंटल, BSE पर 31th जुलाई के सौदे के लिए ग्वार गम के भाव 8781 रूपए प्रति क्विंटल तथा NCDEX पर ग्वार गम के स्पॉट के भाव 8831 रूपए प्रति क्विटल के आस पास चल रहे है l स्थानीय मंडियों में ग्वार के भाव 4400 रूपए प्रति क्विटल व ग्वार गम के भाव 9000 रूपए प्रति क्विंटल के आस पास चल रहे है l
Please read this article in English
No comments:
Post a Comment